प्रवास क्या है
(Pravas kya hai)
लोगों के आर्थिक,सामाजिक,सांस्कृतिक,राजनैतिक या किसी भी अन्य कारणों से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर बसना या निवास करना प्रवास कहलाता है।
प्रवास के कारण
(Pravas ke karan)
भारत में लोग ग्रामीण से नगरीय क्षेत्रों में मुख्यतः गरीबी, कृषि भूमि पर जनसंख्या के अधिक दबाव, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा जैसी आधारभूत अवसंरचनात्मक सुविधाओं के अभाव इत्यादि के कारण प्रवास करते हैं।प्रवास की विशेषताएं
(Pravas ki visheshtaye)
प्रवास की निम्नलिखित विशेषताएं हैं--प्रवास के प्रभाव या परिणाम
(Pravas ke prabhav/parinam)
प्रवास के सकारात्मक और नकारात्मक दोनो प्रभाव पड़ते हैं |
प्रवास के सकारात्मक प्रभाव या परिणाम -
1. भूमि पर जनसंख्या के दबाव में कमी गांव से नगर की ओर होने वाले प्रवास से ग्रामीण जनसंख्या में कमी होती है। जिसके फलस्वरूप कृषि भूमि का छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजन नहीं हो पाता। इससे गाँव में श्रमिकों की माँग और पूर्ति के बीच सन्तुलन बना रहता है तथा इसके फलस्वरूप ग्रामीण बेरोजगारी कम हो जाती हैं।3. व्यक्तिगत कुशलता में वृद्धि प्रवास के कारण ग्रामीण जनसंख्या की संरचना में होने वाले परिवर्तन से उन लोगों की योग्यता और कुशलता बढ़ने लगती है, जो गाँव मे ही अपने परम्परागत व्यवसाय के द्वारा आजीविका उपार्जित करते हैं। इसका कारण यह है कि प्रवास उन्हीं ग्रामीणों द्वारा किया जाता है, जो साधारणतया बेरोजगार अथवा अर्द्ध-बेजोगार होते हैं। स्वाभाविक है कि इससे प्रति व्यक्ति व्यय में कमी हो जाने से परिवार के बचे हुए लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता हैं।
4. पास्परिक सद्भाव में वृद्धि किसी समाज में प्रवास बढ़ने से विभिन्न जातियों, वर्गों तथा धर्मों के लोगों को एक-दूसरे के संपर्क में आने का अधिक अवसर मिलता हैं। ऐसे लोग एक-दूसरे क्षेत्र के रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक विशेषताओं से परिचित होने लगते हैं। यह दशा उनमें पारस्परिक सद्भाव और सहनशीलता को बढ़ाती है। विभिन्न समूहों के बीच भावनात्मक एकता को बढ़ाने में भी प्रवास की एक उपयोगी भूमिका होती हैं।
5. आर्थिक नियोजन को प्रोत्साहन जब ग्रामीण समुदाय में प्रवास असन्तुलित रूप से होने लगता है तो वहाँ आर्थिक विकास के उन कार्यक्रमों को प्रोत्साहन मिलने लगता है जिनके द्वारा ग्रामीण रोजगार में वृद्धि हो सके। जिन ग्रामीण क्षेत्रों की भूमि कृषि-उपज के लिए अधिक उपर्युक्त नहीं होती, वहाँ सरकार द्वारा अनेक उद्योग इसलिए स्थापित किए जाते हैं जिससे ग्रामीण प्रवास को रोका जा सके। इससे एक बड़े ग्रामीण क्षेत्र का आर्थिक विकास होने लगता है।
प्रवास के नकारात्मक प्रभाव या परिणाम -
1. पारिवारिक विघटन
ग्रामीण समुदाय से जब कुछ पुरुष दूसरे स्थानो पर जाकर बसते है तो साधारणतया वे अपने परिवार को गाँव में ही छोड़ जाते हैं। इस दशा में परिवार की महिलाओं और बच्चों को अनेक ऐसे कार्यों के द्वारा आजीविका उपार्जित करनी होती है। जिसमे वे कुशल नहीं होते। प्रवास करने वाले ग्रामीण भी नगर में व्यवहार के नए ढंगों से जल्दी ही अनुकूलन नहीं कर पाते। इसके फलस्वरूप ग्रामीण परिवारों में विघटन की दशा पैदा होने लगती हैं।
2. गंदी बस्तियों में वृद्धि प्रवास के फलस्वरूप नगरों मे जनसंख्या का दबाव बढ़ने लगता हैं, लेकिन बढ़ी हुई जनसंख्या के लिए आवास की समुचित व्यवस्था नहीं हो पाती। प्रवास करने वाले ग्रामीणों की आय भी बहुत कम होने के कारण वे नगर के बाहर किसी गंदे स्थान पर झुग्गी-झोपड़ी में रहना आरंभ कर देते हैं। इसी के फलस्वरूप औद्योगिक नगरों में गंदी बस्तियों में होने वाली वृद्धि एक गंभीर समस्या का रूप लेती जा रही हैं।
3. नगरीय बेरोजगारी में वृद्धि नगरों में अधिक जनसंख्या के कारण पहले से ही बेरोजगारी की समस्या होती है। गाँव से नगर की ओर होने वाले प्रवास के फलस्वरूप इस बेरोजगारी में और अधिक वृद्धि होने लगती है। यह दशा प्रवासियों के आर्थिक शोषण में भी वृद्धि करती हैं।
4. वैयक्तिक विघटन अनेक अध्ययनों से यह स्पष्ट हुआ है कि गाँव से नगर की ओर प्रवास करने वाले अधिकांश व्यक्ति नगर में समुचित रोजगार न मिल पाने अथवा वहाँ के वातावरण से अनुकूलन न कर पाने के कारण अनेक तरह के मानसिक विकारों, बीमारियों, अपराधी व्यवहारों तथा मद्यपान आदि के शिकार हो जाते हैं। इससे वैयक्तिक विघटन में वृद्धि होती हैं। केरल के एक अध्ययन से स्पष्ट हुआ कि यहाँ से खाड़ी देशों में प्रवास करने वाले अधिकांश प्रवासी न्यूरोसिस, हिस्टीरिया तथा कुण्ठा से ग्रसित पाए गए।
5. अलगाववाद की समस्या जो ग्रामीण गाँव से नगर में जाकर रहने लगते हैं, वे अपने नातेदारों तथा मित्रों से अलग-अलग हो जाते हैं। नगर के पर्यावरण के प्रभाव से उनकी मानसिकता स्वार्थ-प्रधान बनने लगती हैं। अपने निवास स्थान से उनका लगाव बहुत कम रह जाता हैं। धीरे-धीरे वे अपने आप को सामाजिक रूप से अलग-थलग समझने लगते हैं। यही वह अलगाववाद हैं। जिसने प्रवासियों में आत्महत्या की घटनाओं में वृद्धि की हैं।
FAQ
Q. प्रवास किसे कहते हैं ?
Ans - लोगों के आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक या किसी भी अन्य कारणों से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर बसना या निवास करना प्रवास कहलाता है।
Q. प्रवास के क्या कारण हैं?
Ans - भारत में लोग ग्रामीण से नगरीय क्षेत्रों में मुख्यतः गरीबी, कृषि भूमि पर जनसंख्या के अधिक दबाव, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा जैसी आधारभूत अवसंरचनात्मक सुविधाओं के अभाव इत्यादि के कारण प्रवास करते हैं।
इन्हें भी देखें -
नगरीय समुदाय क्या है -अर्थ, परिभाषा, विशेषता
नगरीकरण क्या है - अर्थ, परिभाषा, कारण, विशेषता, प्रभाव
गाँव किसे कहते हैं - अर्थ, परिभाषा एवं विशेषताएं
जलवायु परिवर्तन क्या है? जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक
कम्प्यूटर क्या है ? कम्प्यूटर के कार्य Notes in hindi
नगरीकरण क्या है? कारण, प्रभाव, विशेषता
नगरीय समुदाय क्या है? अर्थ, परिभाषा एवं विशेषताएं
गांव किसे कहते हैं ? अर्थ, परिभाषा एवं विशेषताएं
प्रवास क्या है? कारण, विशेषता, कारण, प्रभाव/परिणाम
मेरे जीवन का लक्ष्य (पत्रकार) - निबंध लेखन


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